कलम कमाई खाते हैं नहीं लेते हैं घूंस...व्यंग रचना-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक व्यंग रचना सुना रहे हैं :
कलम कमाई खाते हैं नहीं लेते हैं घूंस-
पान गुटखा खाकर हंसते है मुच-मुच-
अरे पाप पुन्य कोन देखता है, अभी तो कुछ कर लेने दो-
बाद में कौन देखता है अभी तो भर लेने दो-
समय दो पल की महमा है, एक पल तो चैन से सो लेने दो...
Posted on: Mar 22, 2019. Tags: CG KANHAIYALAL PADIYARI RAIGARH SATIRE SONG VICTIMS REGISTER
कुकरानो की कमी नहीं, हर पांच साल आते हैं...व्यंग्य रचना-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक व्यंग्य रचना सुना रहे हैं :
कुकरानो की कमी नही हर पांच साल आते हैं-
हर पांच साल में नए-नए परवाने बनाते हैं-
हरी-हरी बंडल दिखाकर हमारे असमत धन छीन जाते हैं-
भोले भाले समझ नही पाते, उनकी चाल-
फंस जाते हैं देख, हरी-हरी नोटो का बंडल-
वादे कसमे भूलकर करते हैं मनमानी-
हम लोग भोले-भाले उनकी चाल कैसे जानी...
Posted on: Sep 18, 2018. Tags: CG KANHAIYALAL PADIYARI POEM RAIGARH SATIRE SONG VICTIMS REGISTER
बेटा पिता से कहता है आप तो अनपढ़ गंवार हैं मै तो पढ़ा लिखा ज्ञानवान हूँ...व्यंग्य
ग्राम-तमनार, जिला रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक व्यंग्य सुना रहे हैं:
पिता- बेटा थोड़ा खेत-खार के तरफ भी तो घूम आया करो-
बेटा- पिता ये तो सब आपका काम है, आप तो अनपढ़ गंवार हैं मै तो पढ़ा लिखा ज्ञानवान हूँ ये सब मुझे अच्छा नही लगता और मेरे दोस्त भी हँसेंगे-
पिता-बेटा थोडा मंदिर तरफ हो आओ और ये नारियल-अगरबत्ती दिया भी लगा आना-
बेटा- पिता जी मै भगवान को नही मानता मै तो विज्ञान को मानता हूँ आपके जैसे रूढ़िवादी नही हूँ, आप भगवान् को मानो मै नही मानता-
पिता-बेटा सुबह जल्दी उठकर सैर-सपाटा कर आना चाहिए स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बड़े बुजुर्गों का कहना भी है, शाम-सुबह की हवा लाख रुपया के दवा-
बेटा-पिता जी ये सब आप मानो मै तो नया युग में पैदा हुआ हूँ मुझे टी.वी मोबाईल से संदेश सुनना, समाचार देखना, अच्छा लगता है, आपकी बेतुकी बातें अच्छा नही लगता है...