बेटा पिता से कहता है आप तो अनपढ़ गंवार हैं मै तो पढ़ा लिखा ज्ञानवान हूँ...व्यंग्य
ग्राम-तमनार, जिला रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक व्यंग्य सुना रहे हैं:
पिता- बेटा थोड़ा खेत-खार के तरफ भी तो घूम आया करो-
बेटा- पिता ये तो सब आपका काम है, आप तो अनपढ़ गंवार हैं मै तो पढ़ा लिखा ज्ञानवान हूँ ये सब मुझे अच्छा नही लगता और मेरे दोस्त भी हँसेंगे-
पिता-बेटा थोडा मंदिर तरफ हो आओ और ये नारियल-अगरबत्ती दिया भी लगा आना-
बेटा- पिता जी मै भगवान को नही मानता मै तो विज्ञान को मानता हूँ आपके जैसे रूढ़िवादी नही हूँ, आप भगवान् को मानो मै नही मानता-
पिता-बेटा सुबह जल्दी उठकर सैर-सपाटा कर आना चाहिए स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बड़े बुजुर्गों का कहना भी है, शाम-सुबह की हवा लाख रुपया के दवा-
बेटा-पिता जी ये सब आप मानो मै तो नया युग में पैदा हुआ हूँ मुझे टी.वी मोबाईल से संदेश सुनना, समाचार देखना, अच्छा लगता है, आपकी बेतुकी बातें अच्छा नही लगता है...