कुकरानो की कमी नहीं, हर पांच साल आते हैं...व्यंग्य रचना-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक व्यंग्य रचना सुना रहे हैं :
कुकरानो की कमी नही हर पांच साल आते हैं-
हर पांच साल में नए-नए परवाने बनाते हैं-
हरी-हरी बंडल दिखाकर हमारे असमत धन छीन जाते हैं-
भोले भाले समझ नही पाते, उनकी चाल-
फंस जाते हैं देख, हरी-हरी नोटो का बंडल-
वादे कसमे भूलकर करते हैं मनमानी-
हम लोग भोले-भाले उनकी चाल कैसे जानी...