कलम कमाई खाते हैं नहीं लेते हैं घूंस...व्यंग रचना-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक व्यंग रचना सुना रहे हैं :
कलम कमाई खाते हैं नहीं लेते हैं घूंस-
पान गुटखा खाकर हंसते है मुच-मुच-
अरे पाप पुन्य कोन देखता है, अभी तो कुछ कर लेने दो-
बाद में कौन देखता है अभी तो भर लेने दो-
समय दो पल की महमा है, एक पल तो चैन से सो लेने दो...