जग मग उज्वल ...कविता

ग्राम-गोटमा,ब्लाक-जहाजपुर,जिला-जांजगीर-चांपा(छात्तिस्गढ़) से संपत लाल यादव जी के सात नंदिनी यादव है एक कविता सुना रही है|
सूरज सा चमकू मा चंदा सा चंकू मा
जग मग उज्वल
तारो सा चमको मा मरियब लासा है
संपर्क@7898866791.

Posted on: Sep 15, 2022. Tags: CG CHAMPA HINDI JAHAZPUR JANJGIR POEM

पढ़ना कभी न छोड़ेंगे हम हर दिन पढ़ने जायेंगे...कविता

ग्राम पंचायत-ताड़वेली, विकासखंड-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से अनीश कुमार और नवीन कुमार एक कविता सुना रहे हैं:
छोटे-छोटे कदम हमारे आगे बढ़ते जायेंगे-
पढ़ना कभी न छोड़ेंगे हम हर दिन पढ़ने जायेंगे-
छोटे-छोटे हाथ हमारे गड्ढे खूब बनायेंगे-
इन गड्ढे में अच्छे सुन्दर पौधे खूब लगायेंगे-
घर आँगन को साफ रखेंगे गलियाँ साफ़ बनायेंगे-
कैसे जीना हमें चाहिए जीकर हम दिखलायेंगे...

Posted on: Sep 05, 2018. Tags: CG GANESH AYAM HINDI KANKER KOELIBEDA POEM SONG VICTIMS REGISTER

धरती हरी-भरी हो जाती, खुश हो जाते सभी किसान...किसानी पर कविता

ग्राम-बड़ेबेठिया, पंचायत-धरमपुर, विकासखंड-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से कक्षा पांचवीं की छात्रा बाली उसेंडी किसान पर एक कविता सुना रही हैं:
वर्षा आती पानी लाती-
धरती हरी-भरी हो जाती-
खुश हो जाते सभी किसानी-
खेतों में भर आता दाना-
पकता धान दिवाली आती-
खूब सो जे ठंड लाती-
सूटर पहने तापे आग-
गाँव-गाँव में होती आग...

Posted on: Aug 30, 2018. Tags: BALI USENDI CG HINDI HINDI POEM KANKER KOYALIBEDA SONG VICTIMS REGISTER

खट्टी इमली मीठी ईख, चलती बकरी वन के बीच...बाल कविता

ग्राम-ताड़वायली, विकासखंड-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से स्थानीय स्कूल के बच्चे प्रेम कुमार, नवीन कुमार, सुजीत कुमार और दिनेश कुमार एक कविता सुना रहे हैं:
खट्टी इमली मीठी ईख, चलती बकरी वन के बीच-
चलो पपीता खाएं हम, तबला खूब बजाएं हम-
कोई नही पराया, मेरा घर सारा संसार है-
मै न बंधा हूँ देश काल की जंग लगी जंजीर में-
मै न खड़ा हूँ जात-पात की ऊँची-नीची भीड़ में-
मेरा द्रम न कुछ सही शब्दों का सिर्फ गुलाम है-
मै बस कहता हूँ कि घट-घट में राम है...

Posted on: Aug 30, 2018. Tags: CG GANESH AYAM HINDI KANKER KOYALIBEDA POEM SONG VICTIMS REGISTER

कल रात कबीर मेरे घर में आया...कविता-

सेत गंगा, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य रमाकांत सोनी एक कविता सुना रहे है:
कल रात कबीर मेरे घर में आया-
एक छोटा पुष्प मुझे देते हुए कहने लगा – इस पुष्प को मैं तुम्हे सौंपता हूँ-
पुष्प की याद भक्ति,राम रूपी खाद रहिम रूपी जल से-
इस कारण मै तुम्हारे पास लाया हूँ-
कलयुग की दुर्गन्ध से मुक्त करने के लिए-
भारत माता के जूड़े में सजाने के लिए-
इसके मानवता वादी सुगंध के लिए-
कलयुग में तुम्हारे सहारे के लिए...

Posted on: Aug 19, 2018. Tags: HINDI POEM MUNGELI CG RAMAKANT SONI SONG VICTIMS REGISTER

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