गरीब परिवार का कहानी-
सुरेश कुमार बड़वानी मध्य प्रदेश से एक कहानी सुना रहे हैं इस गांव में गरीब लोग थे उनका एक बेटी और एक बेटा रहा करते थे। पिताजी ने मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ाता था। और घर भी चलता था। लड़का ने एक दिन पढ़ लिख कर बड़े अधिकारी बन गया। और शहरों में रहने लगा। पिताजी ने बेटे के घर खुशी में मेहमान गया उसके घर में मेहमान आए हुए थे पिताजी ने बेटे से पूछा ए कौन है बेटे ने बोला मेरे रिश्तेदार हैं। बाप ने सुनकर रोते रोते घर वापस लौट आया। कभी भी अपने मां-बाप को दूर नहीं करना चाहिए किसी भी आस्था में क्यों ना हो।
Posted on: Nov 22, 2022. Tags: BADWANI KUMAR MP OF POOR STORY SURESH THE
बिला मोरो रे बिला वोची वाले...हल्बी भाषा में विवाह गीत-
ग्राम-छोटेकवाली, तहसील-जगदलपुर, जिला-बस्तर से पूर्णिमा के साथ गाँव की महिला साथी दयमती, फूलमती और मेहतरीन आदि जुडी हैं जो हल्बी भाषा में एक विवाह गीत सुना रहे है, यह गीत जब शादी के समय बरात आती है तब गाया जाता है :
बिला मोरो रे बिला वोची वाले-
आसिला मोरो रे बिला वोची वाले...
Posted on: Jul 12, 2020. Tags: BASTAR CG HALBI MARRIAGE SONG JAGDALPUR POORNIMA SAHU SONG VICTIMS REGISTER
ये सरकारी खेत भईया आरा डोला घास रे... खेती रोपा गीत
ग्राम पंचायत-जनावल, प्रखंड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से पूणिमा देवी, स्वाति देवी और पार्वती एक रोपा गीत सुना रहे है:
ये सरकारी खेत भईया आरा डोला घास रे-
जाऊने देखो ताऊने बनिहार-
हायरे हाय जाऊने देखो ताऊने बनिहार-
बेरी जो उगी गयेल चंदर मुनि डूबी गयेल-
नापे लागल राई चुनी धान हायरे हाय-
राई चुनी नान भईया राइ छाई बेल रे-
चूल्हा के लुथी पीठे पारी गएल...
Posted on: Jul 18, 2018. Tags: POORNIMA DEVI SONG SWATI DEVI VICTIMS REGISTER
हाय रे गोकुल मा हीर रहे नहीं पाए...करमा गीत
ग्राम-डफनीपानी, पंचायत-कटरा, जिला-बिलासपुर (छत्तीसगढ़) से पूरण सिंह एक करमा गीत सुना रहे हैं :
हाय रे गोकुल मा हीर रहे नहीं पाए-
कानस बैरी अधिक तोर सताए-
साधू बाबा सुपान लेके सर पर लेय चढ़ाये-
आगे-पाछे तय नहीं सोचे तय मथुरा मा धाय-
हाय रे गोकुल मा हीर रहे नहीं पाए...
Posted on: Jun 20, 2017. Tags: POORAN SINGH SONG VICTIMS REGISTER
भीमगढ़, भीमा न ठाना ते रो नेकी लाता डोल ठिकाना ते...गोंडी गीत
ग्राम-धनोरा, तहसील-पांदुर्ना, जिला-छिन्दवाड़ा (म.प्र.) से शशिकपूर धुर्वे एक गोंडी गीत सुना रहे हैं यह गीत भीमगढ़ के मेले के समय में गाया जाता हैं :
भीमगढ़, भीमा न ठाना ते रो नेकी लाता डोल ठिकाना ते-
चैयत पंचमी ता दिने वयाना कुवारल भीमा न जतरा कियाना-
उड़ता अले मेला इद ज़माना ते रो नेकी लाता डोल ठिकाना ते-
लक-लक तारी नरी नाडी वयाना,लक-लक तारी नरी नाडी वयाना...