मिलकर कोरोना को हराना है...कोरोना पर कविता-
ग्राम-नवलपुर, ब्लाक-लोरमी, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से नेहा बुनकर एक कविता सुना रही हैं:
मिलकर कोरोना को हराना है-
घर हमें कहीं नहीं जाना हैं-
हाँथ किसी से नहीं मिलाना है-
चहरे से हाथ नहीं लगाना है-
बार बार हाथ अच्छे से धोने जाना है-
सेनेटाईज करके देश को स्वच्छ बनाना है...(AR)
Posted on: May 21, 2021. Tags: CORONA POEM MUNGELI CG NEHA BUNKAR SONG VICTIMS REGISTER
कोरोना देश फैलाये...कोरोना कविता-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश पोया कोरोना पर एक कविता सुना रहे हैं:
कोरोना देश फैलाये-
अउ गाँव में किसान मजदूर-
जो कर रहे हैं काम-
दुनिया देश से लाये मरीज-
कोरोना को राखे घरी-
और यहाँ पर रख रख के खाना खिलाये... (AR)
Posted on: Jun 22, 2020. Tags: CG CORONA POEM KAILAS POYA SONG SURAJPUR VICTIMS REGISTER
सद्भावना सम्मान दे माँ शारदे हमे ज्ञान दे...कोरोना पर कविता-
ग्राम-बकेनिया, पोस्ट-गोविन्दपुर, जिला-सिद्धार्थ नगर उत्तरप्रदेश से राधेश्याम कोरोना समस्या पर आधारित एक कविता सुना रहे है :
सद्भावना सम्मान दे माँ शारदे हमे ज्ञान दे-
अर्जित करूँ धन बुद्धि कल संकित करूँ-
अभिमान से वंचित रहूँ ऐसा विमल वरदान दे-
माँ शारदे हमे ज्ञान दे, माँ शारदे हमे ज्ञान दे...
Posted on: Jun 09, 2020. Tags: CORONA POEM RADHESHYAM SIDHARTH NAGAR UP SONG VICTIMS REGISTER
शासन ये सब चला रहे हैं, गाँधी जी के नारों से...लॉकडाउन पर कविता-
दिल्ली से राजेश पाठक लॉकडाउन के समय होने वाली समस्या को बताते हुये, कविता के माध्यम से संदेश दे रहे हैं :
शासन ये सब चला रहे हैं, गाँधी जी के नारों से-
मदिरा की बू आती है, शंकर की दीवारों से-
इस देश में गंगा बहती है, इस देश के पत्ते सूखे क्यों-
यह देश है वीर जवानों का, इस देश के बच्चे भूखे क्यों-
मालिक हो या मजदूर का बच्चा-
सबको शिक्षा एक समान...
Posted on: May 24, 2020. Tags: CORONA POEM DELHI POEM RAJESH PATHAK SONG VICTIMS REGISTER
कोरोना का है कहना, शराबी होना पर मजदूर न होना...कोरोना पर कविता-
कानपुर उत्तर प्रदेश से के. एम. भाई आज कोरोना महामारी के बारे में बताते हुये एक कविता सुना रहे हैं :
कोरोना का है कहना-
शराबी होना पर मजदूर न होना-
अमेरिका जाना पर भारत में न रहना-
खूब रोना पर कुछ न कहना-
भूखे रहना और बार बार हांथ धोना-
कोरोना का है कहना-
शराबी होना पर मजदूर न होना...