अपनों से अलग होने से हमारी कीमत कम रह जाती है, कृपया अपने परिवार, मित्रों से हमेशा जुड़े रहें...
हरिशंकर रजक एक कहानी सुना रहे है: जब अंगूर खरीदने बाजार गया, उसका क्या भाव है पूछा तो बोला 80 रूपये किलो। पास ही कुछ अलग-अलग टूटे हुए अंगूर दाने पड़े हुए थे पूछा क्या भाव है बोला 30 रूपये किलो। मैंने पूछा इतना कम दाम क्यों ओ बोला साहब है तो अभी बहुत बढिया लेकिन अपने गुच्छे से टूटे गये है इसलिए। मैं समझ गया कि अपनों से अगल होने पर हमारी कीमत आधे से भी कम रह जाती है कृपया आपने परिवार मित्रो से हम हमेशा जुड़े रहे:
दूसरा एक चुटकुला : एक पढ़ा लिखा आदमी एक अनपढ़ ग्वार दोनों दोस्त है अनपढ़ बोलता है पढ़ा लिखा से घड़ी और बीबी में क्या अंतर है पढ़ा लिखा आदमी बोलता है घडी बिगड़ जाती है तो बंद हो जाती जब बीबी बिगड़ जाती है तो शुरु हो जाती है...