चाह नहीं मै सुर बाला के...बाल कविता-
ग्राम-छुलकारी, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से चांदनी केवट एक बाल कविता सुना रही हैं:
चाह नहीं मै सुर बाला के-
गहनों में गुथा जाऊं-
चाह नहीं मै प्रेमी माला के-
बिंध प्यारी को ललचाऊं-
चाह नहीं सम्राटो केसव पर-
हे हरी डाला जाऊं... (AR)