चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गुथा जाऊं...कविता-
ग्राम-रक्सा, पोस्ट-फुनगा, थाना-भालूमाडा, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से दिव्या जोगी एक कविता सुना रही हैं:
चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गुथा जाऊं-
चाह नहीं प्रेमी माला के बिंद प्यारी को ललचाऊ-
चाह नहीं सम्राटो के हे हरी डाला जाऊं-
चाह नहीं देवों के सिर पर चढू भाग्य पर इठलाऊं-
चाह नहीं मै सुरबाला के गहनों में गुथा जाऊं...(AR)