ऊँची कुर्सी ऊँचा छलांग...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
ऊँची कुर्सी ऊँचा छलांग-
दुनिया हो जाये वीरान-
अपनो का कौन करे पहचान-
जहाँ से माल मिले उसी का पहचान-
यहां भुक्कड़ बन गये महान-
लूट लेंगे सारा जहान...