स्वास्थ्य स्वर : कटसरैया के पौधे के औषधीय गुण और प्रयोग-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय कटसरैया पौधा जिसे पियाबासा भी कहते हैं के औषधीय गुणों को बता रहे हैं, कटसरैया के पत्तों का रस मधु (हनी) में मिलाकर दांतों और मसूड़े पर मालिस करने से दांतों से रक्त बहना और दांत का दर्द ठीक हो सकता है, उसके पंचांग का कल्क अर्थात चूर्ण को तेल में धीमी आंच पर पकाएं, पकने के बाद उतार लें, और अच्छी तरह से घोलें उसके बाद दाद खाज, खुजली चर्म रोग में कपूर मिलाकर लगाएं, इससे चर्म रोग में आराम मिल सकता है :
राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Jul 31, 2019. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG SWARA SWASTHYA TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : पलास के पौधे के औषधीय गुड़ और उपयोग-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेंद्र सिंह राय पलास के औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं| पलास के पौधे में गोंद लगी होती है| जिसे कमरकस कहते हैं| उसका प्रयोग उन माताओं के लिये किया जाता है| जिनके हाल ही में बच्चे हुये होते हैं| उनको खिलाने के लिये जो लड्डू बनाये जाते हैं| उसमे प्रयोग किया जाता है| पलास के फल का उपयोग पेट में होने वाले कृमि को ख़त्म करने के लिये किया जाता है| उसके फल के तीसरे हिस्से को पीसकर पाउडर बना लें, और गुड़ में मिलाकर रोगी को खिलाये और पानी पिला दें| इससे लाभ हो सकता है| अधिक जानकारी के लिये इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : राघवेंद्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Apr 10, 2019. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : लघु कंटकारी पौधे के औषधीय गुण और प्रयोग-
जिला-टीकमगढ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेंद्र सिंह राय लघुकंटकारी के औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं | यह एक छोटा सा पौधा होता है| उसमे नीला फूल लगता है| फल हरे रंग के होते हैं | पकने तक पीले रंग के हो जाते हैं | उसके फलो को तोड़कर सुखाकर रख लें| उसके सूखे फल पर तेल या घी लगाकर कोयले या गोबर कंडे के आग में डालें उससे जब धुआं निकलने लगे| तब उस धुंए को मिट्टी के बर्तन से ढक देना है, जिसमे एक छेद हो जिससे धुआं निकल सके| जब धुआं छेद से बहार आने लगे तो धुंए को मुह में लेना है| उसके बाद एक पानी भरी थाली लेना है | और उसमे अपने मुह को खोलना है| इससे दांत के कीड़े थाली पर गिर जायेंगे| इससे दांत दर्द में आराम मिल सकता है|
दूसरा उसके फूल को तोड़कर रखा लेना है| और जब खांसी की समस्या होती है| तब उसे तवे में भूनकर उसके राख को शहद या दूध के साथ चाटना है| गुड़ के साथ भी सेवन कर सकते हैं | इससे लाभ हो सकता है | अधिक जानकारी के लिये संपर्क कर सकते हैं| राघवेंद्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Apr 07, 2019. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : अडूसा के पौधे के औषधीय गुण और उपयोग-
जिला-टीकमगढ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय अडूसा के पौधे के औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं | अडूसा के पत्तो के रस में मधु मिलाकर सेवन करने से पेट में होने वाले कृमि रोग से आराम मिल सकता है| दूसरा चर्म रोग होने पर अडूसा के 20 पत्तो को हल्दी के चूर्ण के साथ गौ मूत्र मिलाकर पीसकर उसके लेप को ग्रषित स्थान पर लगाने से आराम मिल सकता है| अधिक जानकारी के लिये दिए गये नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Apr 02, 2019. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : गूंजा या रत्ती के पौधे का औषधीय गुण और प्रयोग-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय गुंजा या रत्ती के औषधीय गुणो और उसके उपयोग के बारे में बता रहे हैं, गुंजा के पत्तो और मिश्री को एक साथ चबाकर-चबाकर चूसने से कंठ विकार अर्थात गले की बीमारी में लाभ मिल सकता है,
दूसरा : दांत में कीड़े होने पर गुंजा के जड़ का दातुन के रूप में प्रयोग कर सकते हैं, इसके रस से दांत के कीड़े नष्ट हो सकते हैं, अधिक जानकारी के लिए दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.