स्वाकर करो क्या कमी रह गई...कविता
सुरेश कुमार बड़वानी मध्यप्रदेश से एक कहानी सुना रहे हैं। जिसका बोल हैं हार नहीं होती। असफलता एक चुनौती हैं।
स्वाकर करो क्या कमी रह गई,
देख कर सुधार करो जब तक न,
सफल हो नींद चैन से जागो तुम,
संघर्ष का मैदान छोड़ भागो तुम...
Posted on: Nov 21, 2022. Tags: BADWANI KUMAR MP POEM SURESH
क्या तुम शिक्षित हो तो सच में संगठित हो जाओ... कविता
भागीरथी वर्मा रायपुर (छत्तीसगढ़) से सीजीनेट के श्रोताओं को एक कविता सुना रहे हैं जिसका शीर्षक है “क्या तुम शिक्षित हो”-
क्या तुम शिक्षित हो, तो सच में संगठित हो जाओ-
दो से चार चार से हजार हजार से लाख बन जाओ-
क्या सच में शिक्षित हो तो आवाज उठाओ-
रोड पर आओ अपने प्रतिद्वंदी सरकार को हिलाओ-
अपनी ताकत आजमाओ क्या सच में शिक्षित हो तो कलम उठाओ
कलम को हथियार बनाओ...
Posted on: Oct 13, 2022. Tags: CG POEM RAIPUR
मेने मरते देखा हैं गाँधी को और एक चौराहे पे...कविता-
केम भाई कानपुर (उत्तरप्रदेश) से गाँधी जी का एक कविता सुना रहे हैं:
मेने मरते देखा हैं गाँधी को और एक चौराहे पे कभी खाखी वर्दी की आड़ में तो कभी तडपती जान में कभी अस्पताल के दौर पे तो कभी न्या के चौखट पे कभी खुद कैद के बेडीयो में तो कभी खुले आसमा में कभी भिखरी के रूप में तो कभी जलती लासो के रूप में हर एक इन्शान में और हर एक काल में और हर एक समाज में कल भी आज भी मेने मरते देखा हैं गाँधी को...
Posted on: Oct 11, 2022. Tags: KANPUR KEM BHAI POEM UP
चार बिल्ली ने चूहे को पकड़ा...कविता-
राजेन्द्र प्रताप सिंग कबीरधाम(छत्तीसगढ़) से एक कविता सुना रहे हैं:
चार बिल्ली ने चीकू चूहे को पकड़ा ,मैं खाऊँगी मैं खाऊंगी हुआ सभी में झगड़ा-
बोला चीकू अरी मौसियों आपस में मत झगड़ों,दूर नीम कस पेड़ खड़ा है जाकर उसको- पकड़ो ,जो भी इसको छूकर सबसे पहले आ जाएगी,बिना किसी को हिस्सा बांटे वह मुझे- खाएगी ,मूर्ख बिल्लियाँ समझ ना पाई सरपट दौड़ लगाई-
भागा चीकू अपनी जान बचाई...
Posted on: Oct 08, 2022. Tags: CG KABIRDHAM POEM RAJENDRAPRATAP SINGH
हर बुखार डेंगू मलेरिया नहीं होता है...कविता
सीजीनेट के साथ राजू राणा एक मलेरिया के बारे में एक कविता सुना रहे हैं:
हर बुखार डेंगू मलेरिया नहीं होता चिंता ना करो अपने आसपास के जगह में गंदगी होने ना दें साफ सफाई का विशेष ध्यान दें इस प्रकार के सावधानी से डेंगू मलेरिया को भगाया जा सकता है...