क्या तुम शिक्षित हो तो सच में संगठित हो जाओ... कविता
भागीरथी वर्मा रायपुर (छत्तीसगढ़) से सीजीनेट के श्रोताओं को एक कविता सुना रहे हैं जिसका शीर्षक है “क्या तुम शिक्षित हो”-
क्या तुम शिक्षित हो, तो सच में संगठित हो जाओ-
दो से चार चार से हजार हजार से लाख बन जाओ-
क्या सच में शिक्षित हो तो आवाज उठाओ-
रोड पर आओ अपने प्रतिद्वंदी सरकार को हिलाओ-
अपनी ताकत आजमाओ क्या सच में शिक्षित हो तो कलम उठाओ
कलम को हथियार बनाओ...