पीपल की ऊँची डाली पर बैठी चिड़िया गाती है...कविता-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलास पोया एक कविता सुना रहे हैं:
पीपल की ऊँची डाली पर बैठी चिड़िया गाती है-
तुम्हे ज्ञात अपनी बोली में यह संदेश सुनाती है-
चिड़िया बैठी प्रेम प्रीती की रीती हमें सिखलाती है-
वह जग के बंदी मानो को मस्ती मंत्र बतलाती है-
वन में कितने पक्षी है सब मिल जुलकर रहते हैं-
रहते जहाँ वही अपनी दुनिया बसाते है...