उनके मन में लोभ नहीं है, पाप नहीं, परवाह नहीं...कविता-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलास सिंह पोया एक कविता सुना रहे हैं :
उनके मन में लोभ नहीं है,
पाप नहीं, परवाह नहीं,
जग का सारा माल हड़प कर,
जीने की भी कोइ चाह नहीं,
जो मिलता है अपने छम से
उतना भर लेते हैं,
औरों के हित उसे छोर देते हैं...