दीदी का जब व्याह रचाया मेरे माता और पिता ने...कविता-
ग्राम-कुम्हारी, पंचायत-भैसागाँव, तहसील-अंतागढ़, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से नीलिमा हुसेंडी, जमुना और सुनीता एक कविता सुना रहे हैं :
दीदी का जब व्याह रचाया मेरे माता और पिता ने-
मेहमानों को तब बुलाया मेरे माता और पिता ने-
दिल्ली से फिर दादा-दादी, नाना-नानी आये-
साथ में बिंदिया, चूड़ी कंगन कई भेटिया लाये-
मामा-मामी, काका-काकी, मौसा-मौसी आये-
धूम धाम से हुई सगाई दीदी की थी शादी...