जंगल में एक वृक्ष खड़ा था, सब वृक्षों से बड़ा था...बाल कविता
ग्राम-देवरी, ब्लाक-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश सिंह पोया एक बाल कविता सुना रहे हैं :
जंगल में एक वृक्ष खड़ा था, सब वृक्षों से बड़ा था-
लंबा चौड़ा छायादार, उसके नीचे था बाजार-
बंदर बेच रहा था आलू, उसको तोल रहा था भालू-
हिरण लिया सब्जी का ठेला, बेच रहा था हरा केला-
लौकी, कोहड़ा और पपीता लेकर आया बूढा चीता-
खरहा हरी मिर्च ले आये, बंदरिया को लगे उसे चखाए...