मोरे गंवई के माटी हा, मोला सरस सही लागे गा...छत्तीसगढ़ी गीत-
ग्राम-लामकन्हार, तहसील-अंतागढ़, जिला-कांकेर उत्तर बस्तर (छत्तीसगढ़) से कुमारी प्रीति गावड़े और कुमारी निन्देश्वरी गावड़े एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं:
मोरे गंवई के माटी हा, मोला सरस सही लागे गा-
तरिया नदिया अउ अमरैया जग सुहावन लागे पुरवैया-
कोयलिया हा करे गुटुर गू, मैना ताल सुनावे गा-
आमा अउ इमली के सुघ्घर छैंया, बड़े मन मोला भावे गा-
मोरे गंवई के माटी हा मोला सरस सही लागे गा...