वनांचल स्वर : गेंदा के पत्ते के रस से पके हुये कान का उपचार -

ग्राम-किशनपुरी, ब्लाक-चारामा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से कोश्लेन्द्र निर्मलकर हमारे आसपास पाई जाने वाली वनस्पति से घरेलू उपचार बता रहे है वे आज बता रहे हैं कि कान के अंदर जो पके हुये मोहर निकलते है उसका उपचार स्थानीय वनस्पति से किया जा सकता है. चमेली गोंदा पत्ते के रस को पीसकर 3 रात रेगुलर लगाना है उससे मोहर निकलना बंद हो जायेगा उसका 2-3 बूंद कान में डालना है उसके तीन चार दिन बाद ठीक हो जायेगा उसको छोटे बड़े सभी लोग इस्तेमाल कर सकते है और जब आप इस विधि का उपयोग कर रहे हैं उस समय भोजन में खट्टी चीज का इस्तेमाल नही करना है, इससे उपचार में नुक्सान होता है | अधिक जानकारी के लिए संपर्क@7747033604.

Posted on: Jan 15, 2018. Tags: KOUSHLENDRA NIRMALKAR SONG VANANCHAL SWARA VICTIMS REGISTER

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download