जंगल में कई प्रकार के भाजी मिलता हैं, उसी को खाकर जीवन यापन करते है...(गोंडी में)
ग्राम+पंचायत-बड़ेगुडरा ब्लाक-कटेकल्याण जिला-दन्तेवाड़ा राज्य छत्तीसगढ़ से राजू राम काट्म बता रहें हैं कि जंगल में बहुत प्रकार के भाजी मिलता हैं गोंडी नाम हैं मरदे भाजी ,मिडंगा भाजी ,चेरोटा भाजी ,मूंगा भाजी, एमेल भाजी, कोडेल भाजी और बास्ता फुटू भी मिलता हैं बस्ता मिलता हैं सरगी फुटू मिलता हैं खाने के लिए इस तरह के जंगल से बहुत सारे खाने के मिलते हैं,
Posted on: Nov 06, 2020. Tags: GONDI CULTURE SONG VICTIMS REGISTER
कोरोना वायरस जब से आया है पुरे देश के लोगो का जीना मुश्किल हो गया है (गोंडी में)...
रामापारा, पंचायत-बिरगाल, थाना-बुरगुम, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर छत्तीसगढ़ सन्नूराम पोयाम गोंडी में बता रहे है कि उनका छोटा सा गाँव है लेकिन जब से कोविड-19 वाला बीमारी आया है तब से हम लोगो का घर निकलना मुश्किल हो गया है | काम नहीं कर पाते है | वो पूछ रहे है कि ये बीमारी पुरे देश में है या सिर्फ छत्तीसगढ़ में है | यह बीमारी के कारण लोगो का जीना मुश्किल हो गया है | संपर्क नम्बर@7646980155.
Posted on: Sep 06, 2020. Tags: GONDI CULTURE SONG VICTIMS REGISTER
बस्तर में आदिवासी समाज में म्रत्यु होने पर पत्थर गाढ़ने की परम्परा...
ग्राम-कोंडली, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर, छत्तीसगढ़ से रमेश कुंजाम के साथ गाँव के साथी बुधुराम पोडियाम गोंडी में बता रहे है कि उनके पूर्वज जिनकी म्रत्यु हो जाती है उनके नाम से पत्थर गाढ़ा जाता है | इसलिए उसका नाम पथलगढ़ी रखा गया है | यह परम्परा 1975 के दशक से चलते आ रहा है | हर गोत्र के लोगो का अलग-अलग जगह होता है जो जिस गोत्र होता है उस नाम से पत्थर गाढ़ा जाता है | संपर्क नम्बर@ 8302391209.
Posted on: Aug 10, 2020. Tags: GONDI CULTURE
महुआ लड्डू बनाने की विधि और महुआ लड्डू और मंद से फायदा और नुकसान...
ग्राम पंचायत-नेलवाड़, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल केवट और उनके साथ है ग्रामवासी राम शाह बता रहे है कि महुआ (फूल) की उपयोगिता इस महुआ फूल मंद तथा लड्डू बनाकर सेवन करते है, इसे शरीर के लिए लाभकारी होता है. बताया जा रहा है, महुआ के मंद पीने से शरीर कमजोर और ढीला पढ़ जाता है, महुआ लड्डू बना कर खाने से शरीर तन्दरुस्त रहता है| महुआ लड्डू बनाने की विधि : सबसे पहले महुआ को अच्छे से सुखा लेते है, और कुछ दिनों तक बोरी में भर कर रखते है, जिसके पश्चात उसे एक सरई (हंडी) में उबालते है और उसे लड्डू बनाते है और उसे खाया जा सकता है यह कार्य लगभग 50 वर्षों से करते आ रहे है. संपर्क @8234826635.
Posted on: Aug 10, 2020. Tags: GONDI CULTURE SONG VICTIMS REGISTER
आदिवासी संकृति के बारे में जानकारी, जिला बस्तर से...
पंडूपारा, पंचायत-बास्तानार-2, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर छत्तीसगढ़ से बाबूलाल नेटी के साथ गाँव के साथी बुमडा आदिवासी संस्कृति के बारे में बता रहे है कि अमावश के लिए पूजापाट करते है नारियल अगरबती और मुर्गा, सूअर देते है | उसके बाद नया त्यौहार भी मनाते है पुरे गाँव के लोग मिलकर जुलकर एक जगह पर जहाँ पित्तल हांडी होता है वहीँ पर मनाते है वहां पर देवी भी रहती है | उसमे भी मुर्गा, सूअर और एक बाटल दारू चढाते है | यह पूजा गाँव के गायता पेरता के द्वारा किया जाता है | हर घर में अलग-अलग पूजा करता है | उनका सबसे बड़ा त्यौहार नया साल है |