कुछ और भी दूँ मन समर्पित तन समर्पित और यह जीवन समर्पित..कविता-
ग्राम-कोटानपुर,जिला-जशपुर,राज्य-छत्तीसगढ़ से सूरदास पैकरा कविता सुना रहें हैं:
मन समर्पित तन समर्पित और यह जीवन समर्पित
चाहता हूँ देश कि धरती तुझे कुछ और भी दूँ
माँ तुम्हारा रीड बहुत हैं मैं अह किन चन
किन्तु इतना कर रहा फिर भी निवेदन
लाऊ थाल में सजा कर भाल जब
कर दया स्वीकार लेना वह समर्पण
गान अर्पित प्राण अर्पित रक्त का कण कण समर्पित
ID (182053)R.M