ज़रुरत की चीज को ज्यादा जरुरतमंद को देने पर सच्चा सुख मिलता है...स्वामी विवेकानंद की कहानी
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक कहानी सुना रहे हैं:
एक बार स्वामी विवेकानंद अमेरिका के यात्रा पर थे, एक दिन वे अपने लिये रोटियां बना रहे थे तो उनके पास कुछ बच्चे आकर खड़े हो गये, बच्चे भूखे थे, स्वामी जी ने अपनी बनाई रोटियां बच्चो को बाँट दी, बच्चो ने खूब मजे से रोटियां खायी, ये सब वो महिला देख रही थी जिनके घर स्वामी जी रहते थे, महिला से रहा न गया और उसने पूछ लिया स्वामी जी अब आप क्या खायेंगे, सारी रोटियां तो बाँट दी| आनंदित होते हुये स्वामी बोले माँ इससे तो पेट की ज्वाला शांत होगी लेकिन बच्चो को तृप्ति मिली, देने से मिलने वाला आनंद बहुत बड़ा होता है|