कनकी के लटका रोटी कोदो चाउर के चिथुर...छत्तीसगढ़ी कविता-
ग्राम-तमनार , जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक छत्तीसगढ़ी कविता सुना रहे हैं:
कनकी के लटका रोटी कोदो चाउर के चिथुर-
दाई हर बनाबात हबे डार के ओमा गुड-
अडबड मीठ लागथे ओखर गुरतुर गुरतुर-
ददा भागवत गा थे संझा विहनिया लगा के सूर-
खनझनि घलो बजा थे भागवत के सुरे सूर-
कनकी के लटका रोटी कोदो चाउर के चिथुर...(AR)