नागरिकता की आंच में सुलगता भारत...कविता-
कानपुर (उत्तर प्रदेश) से के एम भाई आज नागरिकता कानून को लेकर जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, हर तरफ लोग नाराज और गुस्से में हैं, इसी विषय पर एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं:
नागरिकता की आंच में सुलगता भारत-
सुवांग और मुबांघ के भक्षक-
आज गुमध पर जीवित हैं-
सहिष्णुता और अखंडता की दुहाई दे रहे हैं...