जी रहा हूँ तुम्हारे बिना टूटकर...कविता
नवादा, जिला-चतरा (झारखण्ड) से राजू राना एक कविता सुना रहे हैं:
जी रहा हूँ तुम्हारे बिना टूटकर-
क्या मिला है तुम्हे इस तरह रूठकर-
जब हमी से शिखर उतरना न था-
दिलो की कामना क्यूँ जगाती रही-
था मिटाना तुम्हे एक दिन फिर कहो-
प्यार की अल्पना क्यूँ सजाती रही-
नेह के पनघटो पर प्रफुलित लिखी...