ये सोचो मोर बेटी रही, चाँदी सुरुज लेके...डोमकच्छ गीत-
ग्रान पंचालय, डिज़ावल, विकासखण्ड-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से ललमनिया और सुनीता एक डोमकच्छ गीत सुना रहे हैं :
ये सोचो मोर बेटी रही, चाँदी सुरुज लेके-
एके गो मोर बेटी रही, गनगयो तरईया जैसे-
किसान दामाद युगल तईया जईसे-
ए कैसे मोर बेटी रही, चाँदी सुरुज लईके...