छोटे-छोटे कदम हमारे आगे बढ़ते जायेंगे...कविता -
ग्राम-खोदापाका, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से भूपेश्वरी एक कविता सुना रही है:
छोटे-छोटे कदम हमारे आगे बढ़ते जायेंगे-
पढना कभी न छोड़ेंगे हर दिन पढने जायेंगे-
छोटे-छोटे हाथ हमारे गड्डे खूब बढ़ायेंगे-
इन गड्डो में अति सुन्दर पौधे खूब लगायेंगे-
घर आँगन में साफ़ रखेंगे गलियां साफ़ बनायेंगे-
कैसे जीना हमे चाहिए जीकर हम दिखलायेंगे...