लाखो करोड़ो पारी आंसू बह रहे है... गीत
(उत्तरप्रदेश)से भीम प्रशाद गीत सुना रहे है :
लाखो करोड़ो पारी आंसू बह रहे है – संविधान के रचाइया दुनिया से जा रहे है-
ले कर के रात काली आया है छः दिसम्बर-
चुप चुप के रोये धरती आंसू बहाए अम्बर-
गाँधी भीम जी की आरती उतार रहे है...