ओस की एक बूँद सी होती हैं बेटियां...कविता
ग्राम-रामपुर, ब्लॉक-भीमड़खेड़ा, जिला-कटनी, मध्यप्रदेश से सोनाली राजपूत एक कविता प्रस्तुत कर रही हैं:
ओस की एक बूँद सी होती हैं बेटियां-
स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती हैं बेटियां-
रोशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को-
दो-दो कुलों की लाज को ढोती हैं बेटियां-
कोई नहीं है दोस्तों एक-दूसरे से कम-
हीरा अगर है बेटा तो मोती हैं बेटियां-
विधि का यही विधान है दुनिया की रश्म है-
एक मुट्ठीभर नीर सी होती हैं बेटियां....