चाहे कौनो सुख बा कौनो शहरिया में, हमरा त नीक लागेला गउआं-जवरिया में...लोकगीत
मालीघाट, मुजफ्फरपुर, बिहार से सुनील कुमार एक लोकगीत प्रस्तुत कर रहे हैं:
चाहे कौनो सुख बा कौनो शहरिया में-
हमरा त नीक लागेला गउआं-जवरिया में-
कुइयां के पानी ठंडा, पीपल के छांव-
न कोई भागमभाग पगडण्डी पर बा पांव-
सबके गाँव में चाचा-काका आशीष देला छन में-
हमरा त नीक लागेला गउआं-जवरिया में-
भउजी के नीक बतिया, हरियर हमार गांव-
भोरे-भोरे सुनाई देला पहरात सब गांव-
कोयल की कूक नीमन लागे, पपीहा के पी पी-
हमरा त नीक लागेला गउवें-जवरिया में...