मोरे भारत माँ के माट्टी, जेकर हवे जबर छाती...छत्तीसगढ़ी गीत
ग्राम-दमकसा, तहसील-दुर्गुकोंडल, जिला-कांकेर (उत्तर बस्तर ), छत्तीसगढ़ से शिवलाल उसेंडी छत्तीसगढ़ी भाषा में एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं:
मोरे भारत माँ के माट्टी, जेकर हवे जबर छाती-
जे ला काथेगा भइया, छत्तीसगढ़ महतारी ना-
इहां देवधामी के डेरा, मनावें गौरी-गौरा-
ठाकुर देव के बसेरा, सबो घर तुलसी चौरा-
इहां तैंतीस कोटि के देवता हैं बड़ भाई-
जे ला कथेगा भइया, छत्तीसगढ़ महतारी ना-
बोवें कोदो-कुटकी, खावें महुआ घुघुरी-
खेलेबर लइका फुगरी, इहाँ खेलत हौवें लइका-दुदवा माटी-
जे ला कथेगा भइया, छत्तीसगढ़ महतारी ना...