काया अलबेली अब ये थोड़े दिनन की काया...गीत-
दिल्ली से राजेश पाठक एक गीत सुना रहे हैं:
काया अलबेली अब ये थोड़े दिनन की काया-
ये काया चंदन की लकड़ी-
आग लगे जल जाये-
ये काया चंदन की लकड़ी-
ये काया है जा रे अब जाकर-
ये काया माटी का पुतला-
बूंद पड़े धुल जाये अब ये थोड़े दिनन की काया...