हवा में लहराती है पतंग इसके कितने सुंदर रंग...कविता-
ग्राम-समनापुर , जिला-नारायणपुर (मध्यप्रदेश) से मनीषा यादव एक कविता सुना रही हैं:
पहले कभी बंदूक न थी धनुष से काम चलाते थे
सब नल में पानी नहलाता है सब के घर में रहता है
हवा में लहराती है पतंग इसके कितने सुंदर रंग
फल पानी में धो कर खाओ स्वाद भी लो स्वादिष्ट बनाओ
देखो एक मंत्री आया साथ में अपने बंदर लाया भालू होता काला काला...(AR)