कैसी हो गई हैं गोंडी रे समाज...गीत-
सीजीनेट के साथी रावेन्द्रसाय उइके एक गीत सुना र आहे हैं, जिसे सादी के समय गया जाता है :
कैसी हो गई हैं गोंडी रे समाज-
धरम अपनो भूल गये-
मात पिता की रे सेवा भुला गये-
सो भूले हैं सेवा रे जोहारे-
धरम अपनो भूल गये-
कैसी हो गई हैं गोंडी रे समाज...