ओरछा गाँव का नाम कैसे पड़ा: एक गाँव की कहानी (गोंडी)
ग्राम-ओरछा, पंचायत-इरपानार, ब्लाक-दुर्गकोंदल, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से दुर्गुराम कवाची (सरपंच) उनके ओरछा गाँव का नाम कैसे पड़ा उसके बारे में गोंडी में बता रहे है कि बहुत समय पहले उनके गाँव के आसपास पूरा जंगल था वहां पर 10-12 घर थे और ओरछा के पेड़ सबसे ज्यादा थे लेकिन वहां पर सरकार ने पूरे ओरछा के पेड़ कटवा दिए तो फिर वहां पर जनसँख्या बढ़ने लगी और उन्ही पेड़ो के कारण उस गाँव का नाम ओरछा रखा गया और यह जानकारी उनके गाँव के बुजुर्गो के माध्यम से मिली |आदिवासी गाँव अक्सर उनके आसपास पाए जाने वाले प्राकृतिक वस्तुओं पर रखे जाते हैं ओरछा को गराड़ी या गर्रा या विषफल भी कहते हैं घरों में बल्ली और खेतों में बागड़ की तरह यह उपयोग में लाया जाता है