किसान स्वर: कम खर्च में अच्छी खेती कर हम किसान उन्नत और खुशहाल स्थिति तक पहुँच सकते है...
झाबुआ (मध्यपदेश) से संदीप बैरागी बता रहे हैं, हम अक्सर पढ़ते है हमारा देश सोने की चिड़िया अर्थात संपन्न और खुशहाल हुआ करता था, जिसका कारण है किसान, हमारे देश में मसाला बहुत मात्रा में उत्पादन होता था, जिसे विदेशो में बेचा जाता था, जिसके अच्छे दाम मिलते थे, लेकिन धीरे-धीरे विदेशी कंपनियों ने एकाधिकार कर देशी उद्योग को खत्म कर दिया, जिसके परिणामस्वरुप आज किसान बेहाल है, किसान आज अपनी खेती अपनी मर्जी से नही कर रहा है, दवाई कम्पनियो के चंगुल में फस चुका है, दवाई कम्पनियों के एजेंट आते हैं, और अपनी दवाई का प्रचार कर बेचते हैं, इसलिए वे सभी से अनुरोध करते हुए कह रहे हैं कि हम ऐसी खेती करें, जिसमे कम खर्च पर अच्छी खेती हो तभी हम उन्नत और खुशहाल हो सकते हैं, आज हमें आत्म निर्भर होने की आवश्यकता है : बैरागी@8817049109.