देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली...कविता
ग्राम-केरकेट्टा, पोस्ट-जोगा, थाना-ओदारीरोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अखिलेश कुसवाहा एक कविता सुना रहे हैं :
देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली-
इसने ही तो कूक-कूक कर आमो में मिश्री घोली-
कोयल कोयल सच बतलाओ क्या संदेशा लाई हो-
बहोत दिनो के बाद फिर इस डाली पर आई हो-
क्या गाती हो किसे बुलाती हो, बतला दो कोयल रानी-
कैसे कैसे देख मांगती हो, क्या मेघो से पानी...