मत रहे तो पहाड़ फूटे और मत टूटे तो कपार टूटे: सियार और हवा की कहानी...
सियार और हवा दोनों मित्र थे दोनों ने फैसला किये कि चलो मित्र आज दौड़ लगाते है. कौन कितना दूर जल्दी दौड़ लगा के जाता है | हवा का पैर नहीं होता है वो बहुत तेजी से जाता है और सियार चलते-चलते गड्डा में गिर जाता है तो बहुत धीरे-धीरे दौड़ता है | सियार जो है हल्ला करना शुरू कर देता है तो दूसरा सियार भी हल्ला करना शुरू कर देता है उसको सुनकर बहुत सारे सियार हल्ला करने लगते है तो हवा पीछे मुड़कर देखता है कि मेरा मित्र गड्डा में गिर गया और मैं आगे निकल गया. तो कहानी के माध्यम से वे कहना चाहते है कि संघटन में बहुत ताकत है. मत रहे तो पहाड़ फूटे और मत टूटे तो कपार टूटे| रामलाल आयाम@8463047583.