वर्षा जल को रोकिये, हर बूँद का हो काम...पानी पर कविता-
ग्राम-छतरपुर, विकासखण्ड-घुगरी, जिला-मंडला (मध्यप्रदेश) से मोहन मरावी सूखे और पानी के उपयोग पर एक कविता सुना रहे हैं :
पानी मत धोव पानी है अनमोल ,नहीं चुका सकते हम पानी का मोल-
धरती पे पानी नहीं बढ़ रहा है पाप ,खुदिर पड़ता जा रहा किसी का संसार – वर्षा जल को रोकिये,हर बूद का हो काम – चीपर में पोखर बने गाव-गाव में तालाब – पानी का हम मोल समझे ,पानी सबकी जान – कुढ़ देह थक जायेंगे जब संकट होगी ज्ञान – सुखती धरती मागे पानी ,पानी मागे पेड़-
बहता पानी रोकिये ,बने खेती के मेड...