आलसी आदमी चैन से सोते जी...छत्तीसगढ़ी कविता -
ग्राम-देवरी, पोस्ट-चंदोरा, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से रामविलास पोया छत्तीसगढ़ी बोली में एक कविता सुना रहा है:
आलसी आदमी चैन से सोते जी-
मेहनती मन बर तोहर कहा होते जी-
घाटा सही के कबहू होवत होई प्रेम हा-
बिना फ़ायदा के व्यापार कहा होते जी-
होई ला मिलते जेखर करम से-
किस्मत मा लिखाये हे-
सबो के भाग मा प्यार कहा होते जी...