गधे की कहानी...
ग्राम-धीरी, तहसील-बैहर ,जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश) से जगदीश कुमार मरकाम कहानी सुना रहे है. एक व्यक्ति अपने बेटे के साथ गधा बेचने जा रहा था दोनों गधे के साथ पैदल चल रहे थे किसी ने कहा इनको देखो गधा साथ रहते हुए भी पैदल जा रहे है तभी एक और ने कहा आप में से एक इसमें बैठ क्यों नहीं जाते तब उन्होंने अपने बच्चे को गधे पर बैठा दिया आगे चलकर फिर से उ सलाह दिया जिस पर पिता कहने अनुसार खुद गधे पर बैठ गया और चलने लगे कुछ दूर चले ही थे की फिर से उन पर लोगो ने ताना मारा जिससे दोनों पिता-पुत्र गधे पर बैठ गए और चलने लगे कुछ दूर चलने पर पुन: यही घटना हुई और दोनों ने गधे को अपने उपर उठाकर चलने लगे जिस पर लोग उन पर हसने लगे जिसकी आवाज सुनकर गधा डर गया और पैर मारने लगा जिससे रस्सी टूट गई और वही पर नदी मे गिर कर मर गया इसलिए कहा जाता है की हमेशा अपने विवेक से किसी भी काम को करना चाहिए बेकार की बातो में ध्यान नहीं देना चाहिए।