अपने माँ-बाप का दिल न दुखा-दिल न दुखा...गीत
सोनाली राजपूत ग्राम-रामपुर,विकासखंड-ढीमरखेड़ा, जिला-कटनी, मध्यप्रदेश से एक गीत सुना रही है:
अपने माँ-बाप का तू दिल न दुखा-दिल न दुखा-
मेरे आका मेरे मौला मेरे मालिक ने कहा-
बाप के प्यार से अच्छी कोई दौलत क्या है-
माँ का आँचल जो सलामत है तो जन्नत क्या है-
ये जो राजी हैं तो राजी है खुदा-
तेरे माँ-बाप ने शादी भी रचाई तेरी-
इस कदर धूम से बरात सजाई तेरी-
तूने इस अहसान के बदले में उन्हें कुछ न दिया-
अपने माँ-बाप का दिल न दुखा...