हमर छत्तीसगढ़िया भईया सबले बढ़िया रे...छतीसगढ़ी गीत
शिवलाल उसेंडी ग्राम-मेंडू, तहसील-दुर्गकोंदल, जिला- कांकेर, छत्तीसगढ़ से एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं:
हमर छत्तीसगढ़िया भईया सबले बढ़िया रे-
मेहनत करईया हमन ईकर लरका रे हो-
सरज बराबर भईया इहाँ के माटी रे-
ये माटी मा हवे भईया डिगा सोना-चांदी रे-
महानदी अरपा पैरी शिवनाथ नदिया रे-
इद्रावती छत्तीसगढ़ दाई के धोथे पैयाँ रे-
इहाँ नाचो संगी कर्मा,रेला सुआ रे-
बस्तर गुइंया छत्तीसगढ़ के लागों पइयां रे-
हमर कुअंर उचुआ के कूबर उचर बोली-
सुआ बोले चुटुर-चुटुर मिट्ठू के बोली रे-
हाते के बारी-बकरी लागे फुलवारी रे-
हमर पाले में पागे रे भईया चिन्हारी रे-
जंगल-जड़ी छत्तीसगढ़ के हवे गहना रे – धान का कटोरा मोरे सोनो बैया रे-
ई धरती हवे भईया वीर बलिदान के-
वीर नारायण गुंडाधुर गेंद सिंह यार के-
हमर छत्तीसगढ़िया भईया...