हमको दयामनी बरला से क्या काम ?...हिमांशु कुमार की एक कविता

अब बड़ा खतरा है दयामनी बरला होने में
अब आदिवासी होने में खतरा है
अब गाँव में रहने में खतरा है

गाँव में ज़मीन है
गाँव में पेड है
गाँव में नदी है
गाँव में खनिज है
गाँव में लोग हैं
गाँव में दयामनी बरला भी है

गाँव की ज़मीन पर कम्पनी की नजर है
गाँव की नदी पर कम्पनी की नजर है
गाँव के पेड़ों पर कम्पनी की नज़र है
गाँव के खनिज पर कम्पनी की नज़र है
लेकिन गाँव में दयामनी बरला रहती है

सरकार कम्पनी से डरती है
पुलिस कम्पनी से डरती है
अखबार कम्पनी से डरते हैं
दयामनी बरला कम्पनी से नहीं डरती
कम्पनी का राज है
कम्पनी नाराज़ है
इसलिये कम्पनी बहादुर के हुक्म से
पुलिस बहादुर ने दयामनी बरला को
पकड़ कर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया है

आओ शुक्र मनाएं
दयामनी बरला अब जेल में है
अब दयामनी बरला कम्पनी बहादुर को रोक नहीं सकेगी
अब कम्पनी बहादुर दयामनी बरला के गाँव की नदी को छीन लेंगे
अब कम्पनी बहादुर दयामनी बरला के गाँव की ज़मीन को छीन लेंगे
अब कम्पनी बहादुर दयामनी बरला के गाँव के खनिज को छीन लेंगे
अब कम्पनी बहादुर देश का विकास कर देंगे
अब कम्पनी बहादुर सब ठीक कर देंगे

पता नहीं आखिर हमें इस देश की सारी दयामनी बरलाओं से कब मुक्ति मिलेगी ?
कब हमारी सारी नदियाँ
सारे पहाड़
सारी ज़मीनों
और सारे जंगलों पर
कम्पनी का कब्ज़ा होगा

कम्पनी के कारखाने
कम्पनी की नौकरी
कम्पनी की कारें
कम्पनी के शापिंग माल
कम्पनी की सड़कें
कम्पनी के टोल बूथ

कम्पनी के कालेज
कम्पनी के आई आई एम्
कम्पनी के आई आई टी
कम्पनी की यूनिवर्सिटी
जिसमे पढ़ने वाले बनेगे
कम्पनी के गुलाम

कम्पनी के मतलब की शिक्षा
कम्पनी के मतलब का ज्ञान
कम्पनी के फायदे के लिये विज्ञान
कम्पनी की मर्जी की सरकार
कम्पनी के हुकुमबरदार कोतवाल
अब तुम ही बताओ
हमको दयामनी बरला से क्या काम ?

Posted on: Oct 24, 2012. Tags: Himanshu Kumar

After Omkareshwar victory: Agitation continues in 2 more places on Narmada

My name is Himanshu Kumar. I am calling from Khandwa in Madhya Pradesh where people are agitating in Narmada valley at 3 places demanding land for land as directed by Supreme Court. But ignoring SC directions govt is filling the lands of people with water after building dams. The agitation in Gogal village has now been suspended after Jal Satyagraha for 2 weeks after Govt has agreed to their demands but the same continues in 2 more places by affected of Indira Sagar dam on Narmada. For more Himanshu Ji can be reached at 09013893955

Posted on: Sep 11, 2012. Tags: Himanshu Kumar

यातना गंध...अबूझमाड़ के जंगलों से एक कविता

यातना गंध

कोयलीबेड़ा से पच्चीस किलोमीटर दूर
अबूझमाड़ के जंगलों में वे आये
अपनी जंग लगी निष्प्राण बंदूकों को लटकाये
वे आये
और अपने थुलथुल शरीर की समूची गंदगी उड़ेलकर चले गये

‘‘क्या तुम्हें डर नहीं लगता जंगली जानवरों से?’’
‘‘नहीं, मुझे आदमियों से डर लगता है
जो दस की संख्या में आये थे बूट चमकाते हुए
मेरी पवित्र आत्मा को जिन्होंने ढक दिया था रात के अंधेरे से
दिन के भरे उजाले में।’’
टूटे-फूटे ‘शब्दों में गोंडी में उसने उत्तर दिया

सबसे बड़ा अपराध था
इस साक्षात्कार को छापना
कि खाकी वर्दीवाले कुत्ते जनता के सबसे बड़े दुश्मन हैं

मेरे विचारों से उन्हें सख्त नफरत है
वे उसमें बारूद की गंध सूंघते हैं
वे बलात्कार का हक मांगते हैं
और मुझसे कहते हैं मैं उनकी मां-बहन एक न करूं
इससे व्यवस्था को खतरा पैदा होता है
‘व्यवस्था विद्रोह’ इस राजसत्ता को कतई पसंद नहीं है

हर बस स्टॉप पर घूरती है एलआईबी की कंजीरी आंखें
मेरे आने-जाने पर कहीं कोई पाबंदी नहीं है
लेकिन मेरे हर ‘शब्द और हरकत उनकी पहुंच में है

रात के अंधेरे में वे मुझे नजरबंद कर लेते हैं
मेरे मुंह में मूतते हैं अट्टहास लगाते हैं
जिंदगी के आओ मजे लूटें
इन भूखे नंगों से इतना प्यार क्यों?
वे पूछते हैं
विचार बड़ा कि हथियार?
-आओ चलें रंडियों के पास
क्रांति बड़ी कि वर्दी?
-आओ ‘शराबखोरी करें

मेरी आस्था को बंधक बनाना चाहते हैं वो

मैं आस्था के समंदर में डूबना चाहता हूं
उसकी लहरों से खेलना चाहता हूं
साठ साल लंबे यातना गृह को तोड़कर
वहीं पहुंचना चाहता हूं फिर
जहां से जिंदगी ‘शुरू होती है
और कभी खत्म नहीं होती
मौत की यातना गंध को जला देना चाहता हूं
पृथ्वी की अतल गहराईयों में दबे ज्वालामुखी में दफनाकर
जैसे वह कभी था ही नहीं

‘शैतान कम्युनिस्ट!
वे चीखते हैं
नींद पर भी पहरा बैठा दिया उन्होंने
सपनों से उन्हें बहुत दुश्मनी है
उनकी गोलियां मेरी पीठ का पीछा करती हैं

क्रांतिकारी होना सबसे बड़ा देशद्रोह है उनकी नजरों में
वे मुझे नक्सलवादी घोषित करते हैं

विडंबना यह कि नक्सली भी मुझे अपना दुश्मन समझते हैं
क्रांति कर्म में प्यार धर्म को प्रवेश देने के अपराध में
‘क्रांति को इस समय बंदूक की जरूरत है प्यार की नहीं
जो प्यार करेगा वह वर्ग ‘शत्रु है
जनशत्रु है क्रांति ‘शत्रु है’
किसी लाल किताब को पलटकर वे कहते हैं

कामरेड, मुझे अराजक विचारों के लिए क्षमा करें
लेकिन क्या करूंगा मैं उस क्रांति का
जिसमें प्यार ही जिंदा न रहे
जिसमें मैं ही रहूं बाकी कोई और न हो
क्रंाति की जरूरत तो प्यार के लिए ही है
प्यार जिंदा रहेगा क्रांति के पहले और बाद भी

वाकई कितनी विकट यातना है
धरती पर जिंदा रहूं बिना प्यार किये-कराये!

अपने जन्म से लेकर आज तक
मुझसे लिपटी यातना गंध से मुक्ति पाना चाहता हूं मैं
क्रांति मुझे इस यातना गंध से मुक्ति दिलायेगी
इसीलिए मैं क्रांतिकारी हूं
निर्बाध प्यार करने के लिए मुझे क्रांति की नितांत जरूरत है

मेरे विचारों से उन्हें सख्त नफरत है
मेरी आस्था को बंधक बनाना चाहते हैं वो
सबसे बड़ी दुश्मनी है उन्हें मेरे सपनों से
वे मुझे नक्सलवादी कहते हैं!

साठ साल लंबी यातना से गुजरने के बाद भी
मैं पहचान सकता हूं अपने लहू का लाल रंग
और उसका नमकीन स्वाद
देख सकता हूं सपना लाल परचम फहराने का
जिंदगी की धड़कनों को सुन सकता हूं साफ-साफ
महसूस सकता हूं उसका सुनहरा उत्ताप

यातना गृह में बंदी खून से लथपथ अपने ‘शरीर के बावजूद
नवंबर की रात में आसमान में टंके पूर्णिमा के गदराये चांद के नीचे
मैं सूघना चाहता हूं उस लड़की के लंबे भूरे बालों को
जिसने हमेशा मेरी खिल्ली उड़ाई है
‘तुम तो क्रांति के लिए ही बने हो’ ऐसा कहकर

अपनी इस जीवित संवेदना के लिए
मैं किसे धन्यवाद दूं?

ओ मेरे लोगों
तुम्हारा लाल सलाम !

संजय पराते

Posted on: Aug 15, 2012. Tags: Himanshu Kumar

Omkareswar dam affected people starts Jal Satyagraha

In a series of dams on River Narmada one is called Omkareshwar where the dam is almost complete but not the rehabilitation. Affected people are living in their villages and they fear submergence if more water reaches the dam during monsoon. The villagers have decided to start a Jal Satyagarh from 16th July and they will not move from their villages until government completes the just rehabilitation of all the affected people. Shubhranshu Choudhary speaks to leader of Narmada Bachao Andolan Alok Agrawal in Khandwa about the movement. For more you can reach Mr Choudhary at 09811066749

Posted on: Jul 16, 2012. Tags: Shubhranshu Choudhary

Adivasis dont trust they will get job in industry after giving land

Munni Hansda, an adivasi leader from Santhal Pargana region of Jharkhand is leading an agitation against proposed coal mine, dam and a power project in Dumka district. She says they are opposing these projects as it will displace lots of people. Adivasi people are not educated so they will not get any job in the industry. She says adivasis are happy with their life with agriculture and forest and are fighting to save their way of life. For more Mr Choudhary can be reached at 09811066749

Posted on: Jul 08, 2012. Tags: LAND SHUBHRANSHU CHOUDHARY

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