Supreme Court accepts bail applications of Lingaram Kodopi and Soni Sori

Himanshu Kumar from Delhi is telling us that Supreme Court has accepted the bail application of Adivasi Journalist Lingaram Kodopi and his aunt Soni Sori. Senior lawyers Prashant Bhushan will argue the case of Linga Kodopi and Colin Gonsalves of Soni Sori. The dare of hearing is yet to be announced. He alleges that Linga Kodop had exposed wrong doings of Govt by his journalism so Govt has put him behind bar after putting false charges. His aunt was trying to help him and both languish in jails in Chhattisgarh. For more Himanshu Ji is at 08745007812

Posted on: Sep 17, 2013. Tags: Himanshu Kumar

जलती हुई बस्तियों के बारे में बात करना राजद्रोह सिद्ध कर दिया गया है

हद है मुझे मेरे उदार होने के लिये गाली दी जा रही है
कहा जा रहा है कि चूंकि मेरे विधर्मी अनुदार हैं
इसलिये मेरा उदार होना अब धरम विरुद्ध है
अब मेरा सारा वैज्ञानिक चिंतन
धरम विरोधी और राष्ट्र विरोधी सिद्ध किया जा रहा है
क्रूर हत्यारे और मूर्ख लफंगे
आदेश देने की हैसियत में हैं
उनकी आँखों के इशारे से हमारी फौजें
हमारी बेटियों को नंगा कर रही हैं
अब बेटियों के पक्ष में बोलना
विदेशी शक्तियों के हाथों में खेलना
घोषित कर दिया गया है
गुदगुदी गद्दियों पर पसरे हुए
मोटे थुलथुले सेठों ने
कामुक फौजियों को गंदे इशारे कर के अपने साथ मिला लिया है
सेनाएं बस्तियां जला रही हैं
और सेठ मुस्कुरा रहे हैं
अब जलती हुई बस्तियों के बारे में बात करना
राजद्रोह सिद्ध कर दिया गया है
कवियों , फकीरों और पागलों को
देश के लिये खतरा घोषित कर दिया गया है
दूर किसानों की बस्तियों में
साल भर मेहनत से उगाए अनाज को बच्चों के लिये
बचाने के वास्ते जांबाज़ नौजवान
फ़ौजी हमलों के सामने अपना सीना अडा कर खडे हो गये हैं
सरकार द्वारा उन्हें आंतरिक सुरक्षा के लिये सबसे बड़ा खतरा घोषित कर दिया गया है
लेकिन ये अन्त नहीं हो सकता
इस मुल्क के नए नए सफर का
मुझे मालूम है ये शुरुआत है
मैं गुस्से में हूं पर मायूस नहीं हूं
क्योंकि अभी लौटा हूं
दूर जली बस्ती से
जहां से जोशीले गीतों की आवाजें आ रही है
मैंने देखा है भूखे बच्चों ने
बस्ती जलाने वाले
कुछ भाड़े के फौजियों की बंदूकें छीन ली है
देश में आपत्तिकाल घोषित कर दिया गया है
मोटे सेठ , धार्मिक हत्यारे और भाड़े के फौजी घबराए हुए हैं

Posted on: Nov 27, 2012. Tags: Himanshu Kumar

आओ कसाब को फाँसी दें ! एक कविता

आओ कसाब को फाँसी दें !

उसे चौराहे पर फाँसी दें !
बल्कि उसे उस चौराहे पर फाँसी दें
जिस पर फ्लड लाईट लगाकर
विधर्मी औरतों से बलात्कार किया गया
गाजे-बाजे के साथ
कैमरे और करतबों के साथ
लोकतंत्र की जय बोलते हुए

उसे उस पेड़ की डाल पर फाँसी दें
जिस पर कुछ देर पहले खुदकुशी कर रहा था किसान
उसे पोखरन में फाँसी दें
और मरने से पहले उसके मुंह पर
एक मुट्ठी रेडियोएक्टिव धूल मल दें

उसे जादूगोड़ा में फाँसी दें
उसे अबूझमाड़ में फाँसी दें
उसे बाटला हाउस में फाँसी दें
उसे फाँसी दें.........कश्मीर में
गुमशुदा नौजवानों की कब्रों पर

उसे एफ.सी.आई. के गोदाम में फाँसी दें
उसे कोयले की खदान में फाँसी दें.
आओ कसाब को फाँसी दें !!

उसे खैरलांजी में फाँसी दें
उसे मानेसर में फाँसी दें
उसे बाबरी मस्जिद के खंडहरों पर फाँसी दें
जिससे मजबूत हो हमारी धर्मनिरपेक्षता
कानून का राज कायम हो

उसे सरहद पर फाँसी दें
ताकि तर्पण मिल सके बंटवारे के भटकते प्रेत को

उसे खदेड़ते जाएँ माँ की कोख तक......और पूछें
जमीनों को चबाते, नस्लों को लीलते
अजीयत देने की कोठरी जैसे इन मुल्कों में
क्यों भटकता था बेटा तेरा
किस घाव का लहू चाटने ....
जाने किस ज़माने से बहतें हैं
बेकारी, बीमारी और बदनसीबी के घाव.....

सरहद की औलादों को ऐसे ही मरना होगा
चलो उसे रॉ और आई.एस.आई. के दफ्तरों पर फाँसी दें
आओ कसाब को फाँसी दें !!

यहाँ न्याय एक सामूहिक हिस्टीरिया है
आओ कसाब की फाँसी को राष्ट्रीय उत्सव बना दें

निकालें प्रभातफेरियां
शस्त्र-पूजा करें
युद्धोन्माद,
राष्ट्रोन्माद,
हर्षोन्माद
गर मिल जाए कोई पेप्सी-कोक जैसा प्रायोजक
तो राष्ट्रगान की प्रतियोगिताएं आयोजित करें
कंगलों को बाँटें भारतमाता की मूर्तियां
तैयारी करो कम्बख्तो ! फाँसी की तैयारी करो !

इस एक फाँसी से
कितने मसले होने हैं हल
निवेशकों में भरोसा जगना है
सेंसेक्स को उछलना है
ग्रोथ रेट को पहुँच जाना है दो अंको में

कितने काम बाकी हैं अभी
पंचवर्षीय योजना बनानी है
पढनी है विश्व बैंक की रपटें
करना है अमरीका के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास
हथियारों का बजट बढ़ाना है...
आओ कसाब को फाँसी दें !

उसे गांधी की समाधि पर फाँसी दें
इस एक काम से मिट जायेंगे हमारे कितने गुनाह

हे राम ! हे राम ! हे राम !...”
—अंशु मालवीय

Posted on: Nov 23, 2012. Tags: Himanshu Kumar

जिससे आज और अभी कुछ भी ना करना पड़े...एक कविता

महान विचार बदल जाते हैं
सस्ते चित्रों में
भगत सिंह बदल जाता है
कार के पिछले शीशे पर चिपकाने
के एक स्टीकर में

उसकी सारी हिम्मत
और प्रेम
बदल दिया जाता है
एक पिस्तौलधारी
लड़के के कलेंडर में

गांधी बदल जाता है
एक खादी के कुर्ते में
या चरखे में
पद में
या सम्मान दिलाने वाले एक साधन में

जीसस बदल जाता है
एक शानदार चर्च में लगे सोने के
क्रोस में

मुहम्मद बदल जाता है
बकरे की गर्दन काटने की रस्म में

सदियों का सारा परम्परागत ज्ञान बदल जाता है
कुछ कर्म कांडों में

मनुष्य के मनुष्य होने के लिये बनाये गये सारे नियम बदल जाते हैं
एक साम्प्रदायिक नाम में
और उसका रोज़मर्रा के जीवन में कोई भी दखल
इस चालाकी से समाप्त कर दिया जाता है
कि इंसान उनसे बच कर फिर से
लालच और जानवराना व्यवहार के साथ जीता रहता है
सारे पर्यावरण और समाज के साथ दुश्मनों की तरह

आपका सारा ज्ञान बदल जाता है
आपको ज्यादा ढोंगी
बनाने में
जिससे आप
अपने
स्वार्थी
और मतलबी व्यवहार को
अपने सभ्य होने के बहाने में
छिपा लेते हैं

आपके चारों तरफ
मेहनत करने वाले जब
भूखे घुमते हैं
और आप
आराम से बैठे बैठे
अमीर बने होते हैं
तब आप बातें करने लगते हैं
मार्क्स की
जिससे
आज और अभी कुछ भी ना करना पड़े

Posted on: Nov 07, 2012. Tags: Himanshu Kumar

एक आदिवासी की कीमत बस एक कारतूस के बराबर होती है

आदिवासी कला की रचना नहीं करते
हस्तशिल्प बनाते हैं

आदिवासी
संस्कृतियों की नहीं
दंत कथाओं की रचना करते हैं

आदिवासी मनुष्य नहीं
मानव संसाधन होते हैं

आदिवासियों के नाम नहीं होते
उनकी बस संख्या होती है
वे कभी इतिहास में दर्ज नहीं होते बल्कि
पुलिस की गोली से मारे जाने पर
स्थानीय अखबार में उनका ज़िक्र होता है

एक आदिवासी की कीमत बस एक कारतूस के बराबर होती है

– एड्वार्दो गेलेनो ( उरुग्वे ) की कविता के अंश का भावार्थ

Posted on: Oct 31, 2012. Tags: Himanshu Kumar

« View Newer Reports

View Older Reports »

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download