पीड़ितों का रजिस्टर: सरकारी नौकरी और जमीन चाइए कृपया मदद करें
ग्राम: अलबेड़ा, ग्राम पंचायत: कुथुल, ब्लॉक: ओरछा, जिला: नारायणपुर, राज्य: छत्तीसगढ़ की संतोराम वरदा (पिता का नाम: जोगाराम वरदा) ने बताया है कि उनके चाचा और छोटे भाई को 2011 में नक्सलियों ने बुरी तरह पीटा था और उस गांव से उनको नक्सलाइयों ने निकल दिए।अब वह नारायणपुर के गुदरी पारा (शांतिनगर साइड) में रहते हैं। संतूराम ने कहा कि गुदरी पारा में कुछ लोगों को मुआवजे के तौर पर कुछ आर्थिक मदद मिली, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। उन्हें रिपोर्ट का पेपर बाद में मिला, इसलिए उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। संथुराम ने बताया कि नारायणपुर थाने में कई बार पुलिस को आवेदन देने पर भी उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिली। उनके परिवार में पांच लोग रहते हैं।
संथुराम ने 5वीं तक पढ़ाई की है। उसने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी किया है, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली है। उसने कहा कि वह अभी अपने गांव नहीं जा सकता, नक्सली डर पूरी तरह से निकल जाने के बाद वह अपने पुराने गांव जाएगा।