वनांचल स्वर: फसल काटने के बाद देवी-देवताओं की पूजा होती है...
ग्राम-धनेली कन्हार, तहसील- कोरर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से समधार नरेटी (ग्राम पटेल) बता रहे हैं कि गांवों में देवी-देवता की पूजा कैसे होती है और उसका जंगल से क्या रिश्ता है। नई फसल की आने के बाद देवी-देवताओं की पूजा होती है। विधिवत ढंग से पूजा करने के बाद वह लोग खाना खाते हैं। पूजा के लिए वह चावल, चीनी और दूध की खीर पकाकर भगवान को चढ़ाते हैं। सभी लोग एक साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं।