पर्वत जैसा शीश उठाकर...कविता-
जिला-रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से दिलीप कुमार कविता सुना रहे है:
पर्वत जैसा शीश उठाकर-
तुम भी ऊँचे बन जाओ-
सागर कहता है लहरा कर-
मन में गहराई लाओ-
समझ रहे है वो कहते है-
उठ उठ गिर गिर चरन चरन...(184482)
जिला-रायबरेली (उत्तरप्रदेश) से दिलीप कुमार कविता सुना रहे है:
पर्वत जैसा शीश उठाकर-
तुम भी ऊँचे बन जाओ-
सागर कहता है लहरा कर-
मन में गहराई लाओ-
समझ रहे है वो कहते है-
उठ उठ गिर गिर चरन चरन...(184482)