बस्तर में हिंसा ..
पारस कुमार यादव , राजनांदगांव (छत्तीसगढ़ ) से बोल रहे हैं ये छात्र है और आप सभी को स्वं की विचारधारा बताने जा रहे हैं|आज भी माओवादियो और पुलिसों के बीच लड़ाई होता है , तो इसमें कई पुलिस वाले और आमआदमी मारे जाते है|जो नक्सलवादी है सबको सभा बुलाकर उनसे शांति पूर्वक बात किया जाए , और उनसे पूछा जाये की वो क्या चाहते हैं , क्योकि हिंसा से कुछ नही होगा हिंसा से आमआदमी , पुलिस , नक्सलवादी के लोग मारे जाते है|अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@ 7587378783 .
Posted on: Jan 17, 2022. Tags: CG NAXLI PARAKKUMAR YADAV PROBLEM RAJNANDGAON
मिलजुल के बाधाओं को पार करो...गीत-
वीरेंद्र गंधर्व राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से दिव्यागों के लिए एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं
दिव्यांगता चुनौती है स्वीकार करो, मिलजुल के बाधाओं को पार करो-
एक दूजे का सदा सत्कार करो मिलजुल के बाधाओं को पार करो-
एकता में बाल है ये सदा याद रहे सच्ची लग्न हौसला साथ रहे-
साथियों की टोली एक तैयार करो मिलजुल के बाधाओं को पार करो-
आगे बड़ों और औरों को बदने दो उनको भी आसमान पर चढ़ने दो-
प्रेरणा देनी है लेनी है संघर्ष अपनी तो पुश्तैनी है मिलजुल के बाधाओं को पार करो...
संपर्क नंबर@8962001946.
Posted on: Jan 11, 2022. Tags: CG RAJNANDGAON SONG VIRENDRA GANDHARV
तै शादी करे बर करबे भोला...भक्ति गीत
ग्राम-खैरागढ़ , जिला-राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से जया मुंडे एक भक्ति गीत सुना रही हैं:
तै शादी करे बर करबे भोला-
का मडवा गाड़ियाबे गा-
तै मोला बता दे न-
तोर देश मा बांस अऊ लकड़ी-
मोर देश ला कछु नही हो तोला काला बताओं ओ...
Posted on: Nov 06, 2021. Tags: CG JAYA MUNDE RAJNANDGAON SONG
आंधी से तूफान से बाढ से भूकंप से सदा रहा आबाद...पंक्तियाँ-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक पंक्तियाँ सुना रहे हैं:
आंधी से तूफान से बाढ से भूकंप से सदा रहा आबाद-
एक साथ सब मिलकर बोलो छत्तीसगढ़ जिन्दाबाद-
सारी दुनिया को पड़ रही है कोरोना की मार-
छत्तीसगढ़ का सौभाग्य देखो कैसा चमत्कार-
दस रोगियो में बचा हुआ है रोगी केवल एक-
सब ने दिखाई सूझ बूझ काम आया विवेक सेवा में दिन रात लगे जो...(AR)
Posted on: Jun 12, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON STORY VIRENDRA GANDHRV
रंग लाती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद...शेर-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक शेर सुना रहे हैं:
रंग लाती है हिना पत्थर पे घिस जाने के बाद-
कद्र इंशान की होती है कब्र में जाने के बाद-
हिना अर्थात मेहंदी आज तो मेंहदी पिसी हुई आती है-
किन्तु पहले मेंहदी की पत्ती लेट थे और पीसते थे तब उसका रंग निखरता था| (AR)